Sunday, March 24, 2019

आज फिर

आज फिर
दुनिया पीछे छूट रही थी
और मैं
मन्ज़िल की ओर
रफ़्तार से
था बढ़ रहा,

आज फिर
अतीत को मायूस किये बिना
शताब्दी में
मुझे
सीट थी मिली
उल्टी दिशा की...