Friday, January 11, 2013

टीला

दसवीं पास
निखट्टू
जगोता
देर सवेरा
जागा
और नाश्ता कर
जूते पहन
गाँव की गलियों से
कुत्तों के पीचे पीछे
टीले के पास वाले
मैदान में
दोस्तों से
फुटबॉल खेलने
जा पहुँचा । 

आज
मैदान में
सब कुछ बदला बदला था । 

फुटबाल के बिना ही
दर्जनों लड़के
फौजियों से घिरे
दौड़
कूद
रेंग रहे थे ।

जगोता को भी
दौड़ना
कूदना
रेंगना
फुटबाल से ज़्यादा पसंद था ।

वो टीले से कूदा
भागता हुआ
मैदान में उतरा
पहले फौजी को अपना नाम लिखवा
तेज़ भागा
ऊँचा कूदा
और फ़टाफ़ट रेंगकर
सबसे पहले
पार पहुँच गया ।

"चलिये, ट्रक में बैठिये"
फ़ौजी ने
जगोता को
बाजू से पकड़ते हुए कहा ।

"किस लिए?
मैंने क्या किया?"
जगोता घबराया
और बड़बड़ाया ।

"आप फ़ौज में
भर्ती किये जाते हैं।"
फ़ौजी बोला ।

जगोता
तिलमिलाया
छटपटाया
गिड़गिड़ाया
रोया
पर
उसे जाना पड़ा ।

२८ साल बाद
२ मैडेल
४ युद्ध
१७६ मुठभेड़
९०८० गोलियों
५६ दुश्मनों को गिरानें के बाद
आज
रिटायर्ड सुबेदार जगोता
गाँव लौटते
उसी टीले से लिपट
बिलख बिलख रोया
और अपनें दोनों मैडेल
उसे पहना
घर लौट गया ।

No comments:

Post a Comment