साँसों की तितलियाँ
Friday, September 6, 2013
ताक़ीद
रोको,
पकड़ो,
कर देखो ताक़ीद
एक बार और,
ना जाये,
ना ले जाये
दिल,
हसीन कातिल की ओर।
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