Tuesday, November 6, 2018

स्नेह की मुस्कान

उम्र की शरद में
ओढ़े स्नेह की मुस्कान
लिए आँखों में टिमटिमाते नक्षत्रीय दीये,
चेहरे के पीछे से झाँकता
यह कौन है हमारे नभ में
हम से जुदा,

भरता है ख़ुद का दम
हमारी ही साँसों से,
भले एक
भरी दुनिया सा लगता है!

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