जिव्हा पर नंगे पाँव चल कण्ठ से लिपट उदर में उतरे अमृत ने पूछा जब रूह से कहाँ है वो,
अमृतपान की प्यासी की बाहर से आवाज़ आई "मंजी देह की तलाश में"
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