Friday, June 26, 2015

तोहफ़े

“अंकल!
क्या दोगे
तोहफ़े
हमें
इस जन्मदिन पर?"

- दोनों बच्चियों
की रूहों नें
गुज़रते
मुझसे
पूछा,

“गर
हो सके
बदलवा देना
हमारे
पत्थरों पर
फड़फड़ाती
ये
पुरानी
फीकी
फटी
झण्डियाँ..."

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