हर्फ़ मिलायें आँख
तो कुछ लफ़्ज़ बनें
लफ़्ज़ मिलायें दिल
कोई शेर कहें
गले मिलें सब शेर,
अदद ग़ज़ल बने
धुलें शफ़्फ़ाक़ दिल,
कुछ ईद मनें।
तो कुछ लफ़्ज़ बनें
लफ़्ज़ मिलायें दिल
कोई शेर कहें
गले मिलें सब शेर,
अदद ग़ज़ल बने
धुलें शफ़्फ़ाक़ दिल,
कुछ ईद मनें।
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