Thursday, January 1, 2015

आवाज़

आई है
फिर आज
अज़ान की
आवाज़
पर मस्जिद से नहीं,

हूँ दूर
मस्जिद से,
कहीं अंदर से
उठी है आज
ढूँढ़ते
उसे

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