ढूँढ़ती है बे ऐतबारी में चप्पा चप्पा ताजमहल का, अमरीका की सीक्रेट सर्विस, सुरक्षा में राष्ट्रपति की, डालती है ख़लल,
होते जागते गर शहंशाह और बेग़म, देखता कैसे फिर गुस्ताख़ी ये अज़ीम होती!
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