Sunday, January 17, 2016

पक्षी

प्रवासी पक्षियों संग
अब
उड़ जाता है
दिल
इस शहर से
संकीर्णता की सर्दियों में,

कभी लौटती है जो
खुली धूप
तो याद सा
आता है।

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