साँसों की तितलियाँ
Friday, January 8, 2016
ज़िद
एक ही दिन में
सारी ज़िन्दगी
जीने की
ज़िद न कर,
समन्दर में लहरा
कुछ दिन,
पी जाने की
ज़िद न कर।
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