साँसों की तितलियाँ
Wednesday, January 6, 2016
लकीर
मार आज की लकीर
ज़िन्दगी के सफ़े पर
काट दे,
बीते को
दूर से कर आदाब,
अगले को
नज़र ए अंदाज़ दे!
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment