Saturday, June 11, 2016

बूँद

कह दो
आसमाँ से
कि
आज
न बरसे,

रूह तक
सूखा है
मेरे वजूद का पृष्ठ,
आँसू न समझ ले
किसी
बूँद को,
सुलग न जाए!

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