जिसे समझता है तू अपनी ज़िन्दगी का डूबता जज़ीरा,
हालातों के समन्दर में हक़ीक़तों के तल से फूटे ज्वालामुखी का है शिखर, तेरे कभी न मरने के जज़्बे का झण्डा।
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