साँसों की तितलियाँ
Friday, September 11, 2015
ज़िंदा
उनके
साथ के
ज़िंदा हैं अभी,
दौर ही
गुज़रे हैं
याँ से,
ज़माने के निशानों में
वो ज़िंदा हैं अभी!
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