Tuesday, September 15, 2015

पिता

कैसे हो
पिता,
परमेश्वर की तरह,

आस पास ही हो
और दिखते
भी नहीं,

मेरे लिए
होने का
इंतज़ार है
कब से,

यतीम होने का
एहसास भी नहीं!

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