Wednesday, September 13, 2017

छत

बेघर होकर भी
रख पगड़ी पर हाथ
कहता है
कि उसके सर पर
छत है,

क्या ग़ज़ब होगी
गुरसिख की
मनःस्थिति,
जो उसकी
ऐसी मत है!

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