Friday, September 22, 2017

उंगलियाँ

काँटों की
नन्हीं
कोमल
उँगलियों से
पकड़ा जो
इतने प्यार से
फूलों ने
मेरा दामन,

मंज़िल को
बाद एक अरसा
रास्तों में
देखा मैंने!

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