साँसों की तितलियाँ
Tuesday, July 30, 2013
जेब-ए-क़फ़न
जेब-ए-क़फ़न से
निकाल लो
रुपये पैसे,
कुछ डौलर
डाल दो
कौन जाने
बाज़ारो दोज़ख़
कौन सी
करंसी चले
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