साँसों की तितलियाँ
Friday, July 26, 2013
खिड़की
आँखों की खिड़की
में बैठी
झाँकती रही
ता-उम्र
रुह-ए-पाक़
उतरी तभी
जब बंद हुईं
और धुँआ उठने लगा।
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