साँसों की तितलियाँ
Tuesday, July 30, 2013
तलाश
उठा रखी थी
दुनिया
जिन्होंने
सर पर,
दुनिया में रहने के लिये
और दिन चार,
बैठे हैं
वही
ग़मग़ीन
कूचा-ए-हैरानगी
तलाश-ए-मक़सद में
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