साँसों की तितलियाँ
Wednesday, July 24, 2013
चादर
बहुत देर
मेरी आखों में
देखने के बाद,
वो सारे लफ़्ज़,
पलटे पन्नों
की चादर ओढ़,
सो गये ।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment