साँसों की तितलियाँ
Friday, July 26, 2013
कागज़ का खुदा
जब से दुनिया
पहचानने लगी
कागज़ों से मुझे
कागज़ को
खुदा
बना बैठा,
पहली बरसात में
भीगा जो मेरा खुदा,
सरे बाज़ार
फिर
यतीम हो गया
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