साँसों की तितलियाँ
Tuesday, July 30, 2013
इरादे
इरादे
किये थे
जो
सुकून-ए-सबा-ए-साहिल पे
सीना तान के
क्या ख़्याल है
जनाब का
लहरो-साग़रे-उफ़ान में
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