Monday, July 29, 2013

कत्लेआम

यूँ पकड़िये
कलम,
जज़बात,
अंदाज़े बयाँ,
यूँ चलाइये

ख़ुद की क़ज़ा
यकीनी हो
कत्लेआम
के बाद

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