Tuesday, April 28, 2015

शिखा

करना चाहिए था विचार
दर्शक दीर्घा की पहली तीन पंक्तियों में बैठे
कुलीनों को
मंचन उपरान्त
मंच के पीछे
तस्वीर खिंचवाने की मंशा से
मनोज जोशी को
तुरन्त घेरने से पहले,

बहुत मुमकिन था
अभी होती
आचार्य विष्णुगुप्त की रूह
अभिनेता की देह में,

शिखा बाँध ली थी
यद्यपि
उन्होंने,
शपथ अभी
बरकरार थी।

No comments:

Post a Comment