Wednesday, April 29, 2015

आँख

हैं कायनात में
कई आसमां,
आसमानों में
सितारे कई
मुझे इनकार कहाँ!

क्या है
मगर
ये आँख
जिसमें
आसमां भी हैं
सितारे भी!

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