छड्ड मीआँ मुनाफ़ेयाँ दियाँ गल्लाँ, हिसाब रहण दे,
लेखेयाँ दे खातेयाँ नूँ समझ, खातेयाँ च लिखियाँ नूँ रहण दे।
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