Sunday, July 3, 2016

माँ

माँ
बहुत स्वादिष्ट थी
आपके हाथ की बनी
दाल
सब्जी
कढ़ी
और चने भी!

आपके
मन्दिर का
प्राँगण भी
आपकी गोद की तरह था
सुकून से भरा।

No comments:

Post a Comment