Tuesday, July 19, 2016

वादा

न मैं
करूँगा तारीफ़
न माँगूंगा
माफ़ी,
और न ही
अपेक्षा करूँगा,

करता हूँ
मगर वादा
कि जुडूंगा
ईमानदारी से
बनकर
कटी कलम
तुम टहनी से
देने मौका
फिर उग आने का
हमारी
साँझी
नसें।

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