Monday, September 15, 2014

क्यों

किया है
इस तरह
उसने
मुझे
सलाम
आखिर क्यों?

जानता है
क्या
बारे में मेरे,
है
बेतकल्लुफ़
जो
मुझसे यूँ!

इससे
बेहतर
कि
अनदेखा
करे मुझे,
पहचानता
नहीं मुझे,
अजनबी ज्यों।

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