साँसों की तितलियाँ
Wednesday, September 17, 2014
तन्त्र
स्वामी
सेवक
समक्ष
खड़ा
करबद्ध,
क्या नज़ारा है,
जनतंत्र
के हिजाब में
वाह
क्या
तंत्र
तुम्हारा है!
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