Saturday, September 20, 2014

बेताबी

तेरी
आँखें
नहीं
अब
झील सी,


तेरे बाल
अब
घटाओं
से हैं,


अब
हूँ
बेताब
मैं
तेरे लिए
उस
कदर,


तुझमें,
ऐ ज़िन्दगी,
मेरे लिए
उस जैसी
बेताबी है।

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