तेरी आँखें नहीं अब झील सी,
न तेरे बाल अब घटाओं से हैं,
न अब हूँ बेताब मैं तेरे लिए उस कदर,
न तुझमें, ऐ ज़िन्दगी, मेरे लिए उस जैसी बेताबी है।
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