पार्क में शहीद लेफ़्टिनेंट के बुत के सर की टोपी जिस ऊँचाई पर थी,
था होता शुरू उसी ऊँचाई से बगल ही में खड़े सियासतदान का मरणोपरांत पैर से सर तक का पत्थर में सफ़र,
सियासत यकीनन खड़ी थी शहीदों के कन्धों पर।
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