साँसों की तितलियाँ
Friday, March 27, 2015
गाड़ी
जानता हूँ
बखूबी चलेगी
दुनिया की गाड़ी
बिना मेरे भी,
पर
उतावली न हो
ज़िंदगी,
मुझे यूँ न उतार।
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