साँसों की तितलियाँ
Thursday, November 12, 2015
बेअसर
बेअसर हैं
इन पर
नसीहतों
नालों की
सदायें,
चलते हैं
ज़रूर
ज़मीं पर,
ज़िंदा नहीं हैं!
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