साँसों की तितलियाँ
Sunday, December 13, 2015
शराफ़त
क्या जाऊँ मैं
आपकी गर्मजोशी पर
रक़ीबों के संग,
दोस्तों से
मुलाक़ात की
शराफ़त
आपके रोम रोम में थी!
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