साँसों की तितलियाँ
Thursday, December 24, 2015
सिक्का
मेरी
मुस्कराहट का सिक्का
गर क़ुबूल है उसे,
क्यों न डालूँ
उसकी आँखों की
गुल्लक में
सवेरे सवेरे...
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