यकीनन सुरक्षा के दायरे में हैं हुज़ूर जो इस कदर हैं मेहफ़ूज़ कि अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के वशीभूत फैला रहे असुरक्षा यदा कदा अत्र सर्वत्र येन केन प्रकरेण !
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