Wednesday, February 18, 2015

छोटू

हर बार
जाता हूँ
जब भी
हलवाई की
दुकान पर,
पुराने वाला
"छोटू"
नहीं मिलता,

लाले की
कपड़ा-रहना-खाना फ्री वाली
नौकरी
कर देती है
बच्चे को
एक दो महीनों में ही
बड़ा,

उसके जाते ही
अगले "छोटू" को
मिल जाती है
उसकी जगह।

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