हर बार जाता हूँ जब भी हलवाई की दुकान पर, पुराने वाला "छोटू" नहीं मिलता,
लाले की कपड़ा-रहना-खाना फ्री वाली नौकरी कर देती है बच्चे को एक दो महीनों में ही बड़ा,
उसके जाते ही अगले "छोटू" को मिल जाती है उसकी जगह।
No comments:
Post a Comment