साँसों की तितलियाँ
Thursday, February 12, 2015
रफ़ू
रफ़ू था
पिता का
कुर्ता
तो बेटा था
दोस्तों में
शर्मसार,
ख़ुद की
फटी
जीनज़ पर
गोया
फ़क्र कम न था।
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