Monday, February 23, 2015

छोटू

छोटू
अब
छोटू नहीं रहा था,
हो गया था अब
चौदह लीटर के कुक्कर से भी
ऊँचा,
माँज सकता था
हाथों के माँजे से
ढाबे का
बड़े से बड़ा
बर्तन,
भरने
मुठ्ठी से छोटा
सिकुड़ा पेट।

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