छोटू अब छोटू नहीं रहा था, हो गया था अब चौदह लीटर के कुक्कर से भी ऊँचा, माँज सकता था हाथों के माँजे से ढाबे का बड़े से बड़ा बर्तन, भरने मुठ्ठी से छोटा सिकुड़ा पेट।
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