Friday, May 1, 2015

थाली

हक़ीक़त से रूखे
चावल,
नियती सी पतली
दाल
के बावजूद,
है ख़ाली अभी
उनकी आस की थाली,

डालें
मास्टरजी
जो एक मुट्ठी
ज्ञान के दानें भी
तो भरे
सब समझनें को आतुर
बच्चों के
विश्वास का पेट।

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