Sunday, May 24, 2015

हवा

यकीनन
गुब्बारों में
हवा नहीं
खुशियाँ होंगी भरी,

तभी थे भारी
बच्चों की
हल्की बाज़ुओं में,
और फूटे
तो
वो
रोये बहुत...

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