साँसों की तितलियाँ
Thursday, May 21, 2015
नफ़रत
मत कर
इतनी नफ़रत
मुझसे
मेरे रक़ीब,
तेरी ही
पिछली
दुआओं से हूँ
आज तक
आबाद,
ज़हे नसीब।
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