नानक कृष्ण राम हज़रत, उन्हीं को बुलाओ बड़ी सख़्त ज़रूरत है,
ख़ुद आकर पढ़ सुनायें समझायें अपनी बातें, यहाँ बड़ी ग़फ़लत है।
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