Friday, July 14, 2017

आलिंगन

लंका क्या छोड़ी हमने
हर लंका वासी
आलिंगन को
आतुर है,
ऐ रावण
तेरी
"सुखी" प्रजा
रघुनाथ की
शरणागत है!

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