Saturday, July 15, 2017

कक्षा

कुछ सूखे
कुछ रिसते
पिम्पल्स की तरह लगे
पृथ्वी के शुष्क चेहरे पर
वो सारे
ज्वालामुखी
जो दिखे
स्तब्ध अंतरिक्ष यात्रियों की
नम आँखों को,
उस ऊँची
घूमती
स्थिर
यान की कक्षा से,

कितनी
सुंदर
लगी
अपनी जड़ ज़िन्दगी
उस आईने में उन्हें!

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