साँसों की तितलियाँ
Saturday, July 29, 2017
ख़ौफ़
मौत का
ख़ौफ़
रहने दो रिआया में
उठने न दो,
सरफ़रोश
न हो जायें
बचे
आग के दीये,
हवाओं से कहो
हद में रहो!
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