Tuesday, July 11, 2017

भूख प्यास

आज रात फिर
उस ट्रैफ़िक हवलदार को
घर पहुँच
भूख प्यास
नहीं थी,

दिन भर
फाँक कर जो आया था
सेर सवा सेर
धूल मिट्टी,
पी
फेफड़े भर भर
धुआँ!

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